इनपुट डिवाइस और उनके प्रकार: इनपुट यूनिट (Input unit) वे हार्डवेयर होते हैं डाटा को कम्प्यूटर में भेजते हैं। वे डिवाइसें, जिनका प्रयोग उपयोगकर्ता के द्वारा कम्प्यूटर को डाटा और निर्देश प्रदान करने के लिए किया जाता है, इनपुट डिवाइसेज कहलाती हैं। इनपुट डिवाइसेज (Input devices) उपयोगकर्ता से इनपुट लेने के बाद इसे मशीनी भाषा (Machine language) में परिवर्तित करती हैं और इस परिवर्तित मशीनी भाषा को सीपीयू के पास भेज देती हैं। इनपुट डिवाइस द्वारा भाषा को बदलने की यह क्रिया Digitalization कहलाती है।
इनपुट डिवाइस के कार्य :
इनपुट यूनिट द्वारा निम्न कार्य किए जाते हैं:
- यह उपयोगकर्ता द्वारा दिए गए निर्देशों (Instructions) तथा डाटा को पढ़ता या स्वीकार करता है।
- यह निर्देशों और डाटा को कम्प्यूटर द्वारा स्वीकार किए जाने वाले रूप अर्थात् बाइनरी कोड (Binary code ) में बदलती हैं।
- यह बदले हुए रूप में इन निर्देशों और डाटा को आगे की प्रोसेसिंग के लिए कम्प्यूटर को भेज देता है।
कुछ प्रमुख इनपुट डिवाइसेज निम्न हैं :
- की-बोर्ड (Keyboard)
- माउस (Mouse)
- ट्रैकबॉल (Trackball)
- जॉयस्टिक (Joystick)
- लाइट पेन (Light Pen)
- टच स्क्रीन (Touch Screen)
- डिजिटाइजर्स और ग्राफिक टैबलेट्स (Digitizers and Graphic Tablets)
- स्कैनर (Scanner)
- बारकोड रीडर (Barcode Reader)
- ऑप्टिकल मार्क रीडर Optical Mark Reader (OMR)
- ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन Optical Character Recognition (OCR)
- मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रिकॉग्निशन Magnetic Ink Character Recognition (MICR)
- स्मार्ट कार्ड रीडर (Smart Card Reader)
- बायोमैट्रिक सेन्सर (Biometric Sensor)
- माइक्रोफोन (Microphone-Mic)
- वेबकैम या वेबकैमरा (Webcam or Web Camera)
की-बोर्ड (Keyboard)
की-बोर्ड (Keyboard), एक प्रमुख इनपुट डिवाइस है। यह सर्वाधिक प्रयोग में लाई जाने वाली इनपुट डिवाइस है। इससे कीबोर्ड में कम्प्यूटर में डेटा या सूचनाएँ इनपुट कराई जाती हैं। यह देखने में टाइपराइटर जैसा होता है। अन्तर सिर्फ इतना है कि टाइपराइटर द्वारा टंकित सामग्री (Typed Matter) पेपर पर साथ-साथ छपती है और की-बोर्ड द्वारा टंकित सामग्री (Typed Matter) कम्प्यूटर की स्मृति इकाई (Memory Unit) में संगृहीत हो जाती है तथा मॉनिटर पर प्रदर्शित होती है।
इसमें कुंजियों (Keys) को दबाकर कोई भी टैक्स्ट; जैसे—शब्द, संख्याएँ और अनेक तरह के चिह्न टाइप किए जा सकते हैं। की-बोर्ड में टाइपराइटर की समस्त कुंजियों (keys) के अतिरिक्त कुछ अन्य उपयोगी कुंजियाँ भी होती हैं, जो कुछ विशेष उद्देश्यों के लिए प्रयुक्त की जाती है। कुछ विभिन्न प्रकार के कीबोर्ड जैसे QWERTY, DVORAK और AZERTY मुख्य रूप से प्रयोग किए जाते हैं।
कीबोर्ड में कुंजियों के प्रकार
कीबोर्ड में निम्न प्रकार की कुंजियाँ होती हैं:
- अक्षरांकीय कुंजियाँ (Alphanumeric Keys): इसके अन्तर्गत अक्षर कुंजियाँ (A, B,…. Z) और अंकीय कुंजियाँ (0, 1, 2….9) आती हैं।
- अंकीय कुंजियाँ (Numeric Keys): ये कुंजियाँ कीबोर्ड पर दाएँ तरफ होती है। ये कुंजियाँ अंकों (0, 1, 2, 9) और गणितीय ऑपरेटरों (Mathematical operators) से मिलकर बनी होती हैं।
- फंक्शन कुंजियाँ (Function Keys): इन्हें प्रोग्रामेबल कुंजियाँ भी कहते हैं। इनके द्वारा कम्प्यूटर से कुछ विशिष्ट कार्य करवाने के लिए निर्देश दिया जाता है। ये कुंजियाँ अक्षरांकीय कुंजियों के ऊपर (F1, F2… F12) से प्रदर्शित की जाती हैं।
- कर्सर कण्ट्रोल कुंजियाँ (Cursor Control Keys): इन्हें Arrow Keys भी कहते हैं। इनकी संख्या चार होती है, जिन पर दिशाबोधक तीर के चिह्न (↑↓←→) बने होते हैं, जिनका प्रयोग Cursor को ऊपर-नीचे तथा दाईं व बाई ओर चलाने में किया जाता है।
- अन्य कुंजियाँ (Other Keys): कीबोर्ड की कुछ अन्य कुंजियाँ निम्नलिखित हैं:
- कण्ट्रोल कुंजी (Control Key): यह कुंजी, अन्य कुंजियों के साथ मिलकर किसी विशेष कार्य को करने के लिए प्रयोग की जाती है।
- एण्टर कुंजी (Enter Key): इसे कीबोर्ड की मुख्य कुंजी भी कहते हैं। इसका प्रयोग उपयोगकर्ता द्वारा टाइप किए गए निर्देश को कम्प्यूटर को भेजने के लिए किया जाता है। एण्टर कुंजी टाइप करने के बाद निर्देश कम्प्यूटर के पास जाता है और निर्देश के अनुसार कम्प्यूटर आगे का कार्य करता है।
- शिफ्ट कुंजी (Shift Key): कोबोर्ड में कुछ कुंजी ऐसी होती है जिनमें ऊपर-नीचे दो संकेत छपे होते हैं। उनमें से ऊपर के संकेत को टाइप करने के लिए उसे शिफ्ट कुंजी के साथ दबाते हैं। इसे संयोजन कुंजी (Combination key) भी कहते है।
- एस्केप कुंजी (Escape Key): इसका प्रयोग किसी भी कार्य को समाप्त करने या बीच में रोकने के लिए करते हैं। यदि Ctrl key दबाए हुए, Escape key दबाते है तो यह स्टार्ट मेन्यू को खोलता है।
- बैकस्पेस कुंजी (Backspace Key): इसका प्रयोग डाटा को दाएँ से बाएँ दिशा की ओर समाप्त करने के लिए किया जाता है।
- डिलीट कुंजी (Delete Key): इस कुंजी का प्रयोग कम्प्यूटर की मैमोरी से सूचना और स्क्रीन से अक्षर को समाप्त करने के लिए करते हैं।
- कैप्स लॉक कुंजी (Caps Lock Key): इसका प्रयोग वर्णमाला (Alphabet) को बड़े अक्षरों (Capital letters) में टाइप करने के लिए करते हैं। जब ये कुंजी सक्रिय (Enable) होती है तो डाटा बड़े अक्षर में टाइप होता है। यदि यह कुंजी निष्क्रिय (Disable) होती है तो डाटा छोटे अक्षर में टाइप होता है।
- स्पेसबार कुंजी (Spacebar Key): इसका प्रयोग दो शब्दों या अक्षरों के बीच स्पेस बनाने या बढ़ाने के लिए किया जाता है। यह कीबोर्ड की सबसे लम्बी कुंजी होती है।
- नम लॉक कुंजी (Num Lock Key): इसका उपयोग सांख्यिक कीपैड (Numeric keypad) को सक्रिय या निष्क्रिय करने के लिए किया जाता है। यदि ये कुंजी सक्रिय होती है तो अंक टाइप होता है और यदि ये कुंजी निष्क्रिय होती है तो अंक टाइप नहीं होता है।
- विण्डोज कुंजी (Windows Key): इसका प्रयोग Start मेन्यू को खोलने के लिए करते हैं।
- टैब कुंजी (Tab Key): इसका प्रयोग कर्सर को एक बार में पांच स्थान आगे ले जाने के लिए किया जाता है। कर्सर को पुनः पाँच स्थान वापस लाने के लिए टैब कुंजी को शिफ्ट कुंजी के साथ दबाया जाता है।
प्वॉइण्टिंग डिवाइसेज Pointing Devices
प्वॉइण्टिंग डिवाइसेज (Pointing devices) का प्रयोग मॉनीटर के स्क्रीन पर कर्सर या प्वॉइण्टर को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए किया जाता है। कुछ मुख्य रूप से प्रयोग में आने वाली प्वॉइण्टिंग डिवाइसें निम्नलिखित है:
- माउस
- ट्रैकबॉल
- जॉयस्टिक
- लाइट पेन
- टच स्क्रीन आदि।
इनमें से प्रमुख डिवाइसों का विवरण इस प्रकार हैं:
माउस (Mouse)
माउस एक प्वाइंटिंग युक्ति (Pointing device) है, जिसका प्रयोग कम्प्यूटर में मुख्य रूप से किया जाता है। इसका प्रयोग कर्सर (टैक्स्ट में आपकी पोजिशन दर्शाने वाला ब्लिकिंग प्वॉइण्ट ) या प्वाइण्टर को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए करते हैं। इसके अतिरिक्त माउस का प्रयोग कम्प्यूटर में ग्राफिक्स (Graphics) की सहायता से कम्प्यूटर को निर्देश देने के लिए करते हैं।
इसकी ऊपरी सतह पर दो या तीन मुख्य रूप से बटन लगे होते हैं। एक बटन को बायाँ बटन (Left Button) और एक बटन को दायाँ बटन (Right Button) कहते हैं। इनको दबाकर विकल्प (Option) को चुना जाता है। बटन दबाने की यह क्रिया clicking कहलाती है। दोनों बटनों के बीच में एक स्क्रॉल व्हील (Scroll Wheel) होता है, जिसका प्रयोग किसी फाइल में ऊपर या नीचे के पेज पर कर्सर को ले जाने के लिए करते हैं।
माउस सामान्यतः तीन प्रकार के होते हैं।
- वायरलेस माउस (Wireless Mouse)
- मैकेनिकल माउस (Mechanical Mouse)
- ऑप्टिकल माउस (Optical Mouse)
माउस के चार प्रमुख कार्य निम्न हैं:
- क्लिक या लैफ्ट क्लिक (Click or Left Click): यह स्क्रीन पर किसी एक ऑब्जेक्ट को चुनता है।
- डबल क्लिक (Double Click): इसका प्रयोग एक डॉक्यूमेण्ट या प्रोग्राम को खोलने के लिए करते हैं।
- दायाँ क्लिक (Right Click): यह स्क्रीन पर आदेशो की एक सूची दिखाता है। दाएँ क्लिक का प्रयोग किसी चुने हुए ऑब्जेक्ट के गुण को एक्सेस करने के लिए करते हैं।
- ड्रैग और ड्रॉप (Drag and Drop): इसका प्रयोग किसी ऑब्जेक्ट को स्क्रीन पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए करते हैं।
ट्रैकबॉल (Trackball)
ट्रैक बॉल भी एक पोइंटिंग युक्ति (Pointing Device) है। जिस प्रकार माउस के तल में एक बॉल होती है जिसके घूमने पर स्क्रीन पर उपस्थित कर्सर वांछनीय दिशा में घूमता है उसी प्रकार ट्रैक बॉल की ऊपरी सतह पर एक बॉल होती है जिसे अंगुलियों अथवा हथेली से घुमाया जा सकता है। बॉल के घूमने की दिशा तथा गति को डिजिटल सिग्नल में परिवर्तित किया जाता है, जिससे स्क्रीन पर उपस्थित कर्सर निश्चित दिशा में चलता है। माउस की भाँति ट्रैकबॉल में भी दो अथवा तीन बटन होते है। ट्रैक बॉल माउस से इसलिए भिन्न है क्योंकि ट्रैक बॉल को किसी भी सतह पर रखा जा सकता है। ट्रैकबॉल के स्थिर होने की वजह से इन्हें प्रयोग हेतु कम स्थान की आवश्यकता होती है।
इसका प्रयोग निम्नलिखित कार्यों में किया जाता है:
CAD वर्कस्टेशनो (Computer Aided Design Workstations) में, CAM वर्कस्टेशनों (Computer Aided Manufacturing Workstations) में, कम्प्यूटरीकृत वर्कस्टेशनों (Computerised Workstations) जैसे कि एयर ट्रैफिक कण्ट्रोल रूम (Air-traffic Control Room), राडार कण्ट्रोल्स (Radar Controls) में, जहाज पर सोनार तन्त्र (Sonar System) में।
जॉयस्टिक (Joystick)
यह एक प्रकार की प्वाइंटिग डिवाइस होती है जो सभी दिशाओं में मूव करती है और कर्सर के मूवमेण्ट को कण्ट्रोल करती है। जॉयस्टिक में एक ऊर्ध्वाधर (Vertical) लीवर लगा होता है। यह लीवर जॉयस्टिक के आधार (Base) से जुड़ा होता है। इसे स्टिक (Stic) भी कहते हैं। इसी स्टिक का प्रयोग करके हम स्क्रीन पर कर्सर को किसी भी दिशा में घुमा सकते हैं।
जॉयस्टिक के आधार में पोटेशियोमीटर (Potentiometer) नामक यन्त्र लगाया जाता है जोकि स्टिक के घूमने की मात्रा को संगृहीत करता है, तथा इसी मात्रा के आधार पर स्क्रीन कर्सर घूमता है। जॉयस्टिक के आधार में एक स्प्रिंग भी होती है। जोकि स्टिक को केन्द्रीय अवस्था (Central Position) में लाती है।
जॉयस्टिक (Joystick) का प्रयोग फ्लाइट सिम्युलेटर (Flight simulator), कम्प्यूटर गेमिंग, CAD/CAM सिस्टम में किया जाता है।
जॉयस्टिक और माउस दोनों एक ही तरह से कार्य करते हैं। किन्तु दोनों में यह अन्तर है कि कर्सर का मूवमेन्ट माउस के मूवमेन्ट पर निर्भर करता है, जबकि जॉयस्टिक में, प्वॉइण्टर लगातार अपने पिछले प्वॉइण्टिग दिशा की ओर मूव करता रहता है और उसे जॉयस्टिक की सहायता से कण्ट्रोल किया जाता है।
लाइट पेन (Light Pen)
यह हाथ से चलाने वाली इलेक्ट्रो ऑप्टिकल प्वाइंटिंग डिवाइस है, जिसका प्रयोग ड्राइंग्स (Drawing) बनाने के लिए, ग्राफिक्स बनाने के लिए और मेन्यू सिलेक्ट करने के लिए करते है। यह पेन स्क्रीन के पास जाकर प्रकाश को सेन्स (Sense) करता है तथा उसके बाद पल्स (Pulse) पर उत्पन्न करता है। इसका प्रयोग मुख्य रूप से पर्सनल डिजिटल असिस्टेण्ट (Personal Digital Assistant, PDA) में करते हैं। इसका प्रयोग स्क्रीन पर किसी विशिष्ट स्थिति (Location) को पहचानने के लिए करते हैं।
टच स्क्रीन (Touch Screen)
यह एक प्रकार की इनपुट डिवाइस है, जो उपयोगकर्ता से तब इनपुट लेता है जब उपयोगकर्ता अपनी अंगुलियों को कम्प्यूटर स्क्रीन पर रखता है। टच स्क्रीन का प्रयोग सामान्यतः निम्न अनुप्रयोगों (Applications) में किया जाता है:
- एटीएम (ATM)
- एयरलाइन आरक्षण (Airline Reservation)
- बैंक (Bank)
- सुपर मार्केट (Super Market)
- मोबाइल (Mobile)
डिजिटाइजर्स और ग्राफिक टैबलेट्स (Digitizers and Graphic Tablets)
ग्राफिक टैबलेट के पास एक विशेष कमाण्ड होती है जो ड्राइंग, फोटो आदि को डिजिटल सिग्नल्स में परिवर्तित करती है। ग्राफिक टैबलेट्स यह कलाकार (Artist) को हाथ से इमेज और ग्राफिक इमेज बनाने की अनुमति प्रदान करता है।
बारकोड रीडर (Barcode Reader)
यह एक इनपुट डिवाइस होती है, जिसका प्रयोग किसी उत्पाद (Product) पर छपे हुए बार कोड (यूनिवर्सल प्रोडक्ट कोड) को पढ़ने के लिए किया जाता है। बारकोड रीडर से प्रकाश की किरण निकलती है, फिर उस किरण को बारकोड इमेज पर रखते हैं। एक बार ये कोड पहचानने के बाद इसे सांख्यिक कोड (Numeric Code) में परिवर्तित करता है। बारकोड रीडर का ज्यादा प्रयोग सुपर मार्केट में किया जाता है, जहाँ पर बारकोड रीडर के द्वारा आसानी से किसी उत्पाद का मूल्य पढ़ा जाता है। बारकोड गाढ़ी और हल्की स्याही की ऊर्ध्वाधर रेखाएँ हैं, जो सूचना के रूप में प्रस्तुत किए जाते हैं तथा मशीन इसे आसानी से पढ़ लेती है। स्कैनर से डाटा ग्रहण करने के लिए कम्प्यूटर में अतिरिक्त सॉफ्टवेयर तथा हार्डवेयर की आवश्यकता होती है।
स्कैनर (Scanner)
स्कैनर एक ऐसी इनपुट डिवाइस है, जिसके द्वारा किसी चित्र या लिखित जानकारी को सीधा ही कम्प्यूटर में संग्रहीत किया जा सकता है। यह फोटो कॉपी मशीन की तरह कार्य करती है। फोटो कॉपी मशीन पेपर पर फोटो कॉपी बनाती है जबकि स्कैनर कम्प्यूटर की मैमोरी में चित्र अथवा लिखित जानकारी को संगृहीत कर लेता है। स्कैनर द्वारा संगृहीत डाटा मैमोरी मे सामान्य से अधिक स्थान (space) लेता है।
स्कैनर निम्न प्रकार के होते है:
- हैण्डहेल्ड स्कैनर (Handheld Scanner): ये आकार में काफी छोटे और हल्के होते हैं, जिन्हें आसानी से हाथ में रखकर भी डॉक्यूमेन्ट को स्कैन किया जा सकता है। यदि किसी डॉक्यूमेन्ट को स्कैन करना हो तो डॉक्यूमेन के अलग-अलग भागों को स्कैन करना पड़ता हैं।
- फ्लैटबेड स्कैनर (Flatbed Scanner): ये काफी बड़े और महंगे स्कैनर होते हैं तथा काफी उच्च गुणवत्ता के चित्र उत्पन्न करते हैं। इसमें एक समतल पटल (Flat surface) होता है जिस पर डॉक्यूमेन्ट को रखकर किया जाता है। यह बिल्कुल उसी तरह कार्य करता है जिस तरह फोटोकॉपी मशीन पर पेज रखकर फोटोकॉपी करते हैं। यह एक बार में पूरा एक पेज स्कैन करता है।
- ड्रम स्कैनर (Drum Scanner): ये मध्यम आकार स्कैनर होते हैं। इनमें एक घूमने वाला ड्रम होता है। पेपर या शीट को स्कैनर में इनपुट देते हैं और स्कैनर में लगा ड्रम पूरे पेज पर घूमता है, जिससे पूरा पेज स्कैन हो ज है। यह बिल्कुल फैक्स मशीन की तरह कार्य करता है।
ऑप्टिकल मार्क रीडर Optical Mark Reader (OMR)
यह एक प्रकार की इनपुट डिवाइस है, जिसका प्रयोग किसी कागज पर बनाए गए चिह्नों को पहचानने के लिए किया जाता है। ओ० एम० आर० (OMR) भी ओ० सी० आर० (OCR) के समान ही कार्य करता है, परन्तु इसके द्वारा केवल पेन्सिल व पैन के द्वारा लगाए गए चिह्न की उपस्थिति या अनुपस्थिति का ही पता लगाया जा सकता है।
इसमें एक प्रकाश उत्सर्जक होता है, जो एक निश्चित तरंगदैर्घ्य का प्रकाश उत्सर्जित करता है तथा समीप में ही लगा एक आ सकता है। जब प्रकाश संवेदक लौटकर (परावर्तित होकर) आए प्रकाश की तरंगदैर्घ्य को मापकर निशान (Mark) की उपस्थिति तथा अनुपस्थिति का इसके सिरे से पता लगा लेता है।
इसका उपयोग मुख्य रूप से परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तरों को जाँचने में किया जाता है। इसकी सहायता से हजारों प्रश्नों का उत्तर बहुत ही कम समय में आसानी से जाँचा जा सकता है।
ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन Optical Character Recognition (OCR)
यह ओ एम आर (OMR) का ही विकसित रूप है। यह केवल साधारण चिह्नों को ही नहीं, बल्कि छापे गए या हाथ से साफ-साफ लिखे गए अक्षरो को भी पढ़ लेता है। यह प्रकाश स्रोत की सहायता से कैरेक्टर की शेप को पहचान लेता है। इस तकनीक को ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन्स कहा जाता है।
ओ० सी० आर० सर्वप्रथम पढ़े जाने वाले प्रत्येक अक्षर को अपने अन्दर पहले से संगृहीत अक्षरों से मिलाता है। यदि अक्षर का मिलान हो जाता है तो कम्प्यूटर लिखे गए अक्षर को जान जाता है। यदि अक्षर का मिलान नहीं होता है तो इसे कम्प्यूटर द्वारा स्वीकार नही किया जाता है।
ओ० सी० आर० में मुख्यतः दो प्रकार के फॉन्ट प्रयोग किए जाते हैं:
- OCR-A (अमेरिकन स्टैण्डर्ड)
- OCR-B(यूरोपियन स्टैण्डर्ड)
इसका उपयोग पुराने डॉक्यूमेण्ट को पढ़ने में किया जाता है। इसका प्रयोग कई अनुप्रयोगों, जैसे- टेलीफोन, इलेक्ट्रीसिटी बिल, बीमा प्रीमियम आदि को पढ़ने में किया जाता है। OCR की अक्षरो को पढ़ने की गति 1500 से 3000 कैरेक्टर प्रति सेकण्ड होती है।
मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रिकॉग्निशन Magnetic Ink Character Recognition (MICR)
यह सूचनाओं के आकार का परीक्षण मैट्रिक्स के रूप में करता है, उसके बाद उसे पढ़ता है और पढ़ने के बाद सूचनाओं को कम्प्यूटर में भेजता है।इसके माध्यम से मुख्यतः बैंकों के चेक पर नीचे की ओर अंकित बैंक संख्या, जमाकर्ता का खाता संख्या तथा कुछ अन्य संकेत एक विशेष प्रकार की ink द्वारा लिखे जाते हैं, जिसमें चुम्बकित (Magnetized) हो सकने वाले पदार्थों के कण मिले होते है।
एम० आई० सी० आर० में दो प्रकार के फॉन्ट प्रयोग में लाए जाते हैं, जिनमें से एक को E13B के नाम से जाना जाता है। इसमें 0 से 9 तक अंक तथा चार विशेष प्रकार के संकेत होते हैं। ये मुख्यतः Bank Cheques में प्रयुक्त किए जाते हैं। दूसरा फॉन्ट CMC8 है, जिसमें 0 से 9 तक के अंक, Alphabets तथा पाँच संकेत होते हैं। ये संकेत सात लाइनों से मिलकर बने होते हैं, जो Magnetized होती है।
एम० आई० सी० आर० (MICR) के पढ़ने की गति लगभग 1,200 Documents Per Minute होती है।
स्मार्ट कार्ड रीडर (Smart Card Reader)
यह एक इनपुट डिवाइस है जिसका प्रयोग किसी स्मार्ट कार्ड के माइक्रोप्रोसेसर को एक्सेस (Access) करने के लिए किया जाता में है। स्मार्ट कार्ड दो प्रकार के होते हैं:
- मैमोरी कार्ड : इसमें नॉन-वॉलेटाइल मैमोरी स्टोरेज कम्पोनेण्ट होता है जो डाटा को स्टोर करता है।
- माइक्रोप्रोसेसर कार्ड: इसमें वॉलेटाइल मैमोरी और माइक्रोप्रोसेसर कम्पोनेन्ट्स दोनो होते हैं।
कार्ड सामान्यतः प्लास्टिक से बना होता है। स्मार्ट कार्ड का प्रयोग बड़ी कम्पनियों और संगठनों में सुरक्षा के उद्देश्य से किया जाता है।
बायोमैट्रिक सेन्सर (Biometric Sensor)
यह एक प्रकार की इनपुट डिवाइस है जिसका प्रयोग किसी व्यक्ति की अंगुलियों के निशान को पहचानने के लिए करते हैं।इसका प्रयोग किसी संगठन में कर्मचारियों या संस्थान में विद्यार्थियों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए किया जाता है।बायोमैट्रिक (Biometric) बहुत शुद्धतापूर्वक एवं दक्षतापूर्वक कार्य करता है, इसीलिए इसका प्रयोग सुरक्षा के उद्देश्य से ज्यादा होता है।
माइक्रोफोन (Microphone-Mic)
यह एक प्रकार की इनपुट डिवाइस है जिसका प्रयोग कम्प्यूटर को साउण्ड के रूप में इनपुट देने के लिए किया जाता है। माइक्रोफोन (Microphone) आवाज को प्राप्त करता है तथा उसे कम्प्यूटर के फॉर्मट (Format) में परिवर्तित करता है, जिसे डिजिटाइज्ड साउण्ड या डिजिटल ऑडियो भी कहते हैं।
माइक्रोफोन में आवाज को डिजिटल रूप में परिवर्तित करने के लिए एक सहायक हार्डवेयर की आवश्यकता पड़ती है। इस सहायक हार्डवेयर को साउण्ड कार्ड कहते हैं।
आजकल माइक्रोफोन का प्रयोग स्पीच रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर (Speech Recognition Software) के साथ भी किया जाता है। अर्थात् इसकी सहायता से हमें कम्प्यूटर में टाइप करने की जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि जो बोला जाता है वो डॉक्यूमेन्ट में छप जाता है।
वेबकैम या वेबकैमरा (Webcam or Web Camera)
वेब कैमरा एक इनपुट डिवाइस है जिसके प्रयोग से हम स्थिर अथवा गतिशील चित्रों को कम्प्यूटर में संगृहीत कर सकते हैं तथा उन्हें विभिन्न कार्यों के लिए प्रयुक्त कर सकते है। आजकल इन्टरनेट का प्रयोग बढ़ रहा है, वेब कैमरे के प्रयोग से आप इन्टरनेट द्वारा प्रदत्त वीडियो कॉन्फ्रेसिंग का लाभ उठा सकते हैं। दूर बैठे व्यक्ति से इस प्रकार बात कर सकते हैं जैसे कि वह आपके सामने बैठा है।
वेब कैमरे को कम्प्यूटर के यू. एस. बी. (USB) पोर्ट में लगाते हैं। कम्प्यूटर के साथ इंस्टॉल होने के पश्चात् यह एक वीडियो कैमरे की तरह कार्य कर सकता है।